Nahar Sisters : गायन में बहिनों की अनमोल जोड़ी

भीलवाड़ा की Nahar Sisters के नाम से चर्चित Chunoti Nahar और Akansha Nahar गायन में बहिनों की अनमोल जोड़ी है. इस जोड़ी ने जैन शासन की शान में चार चाँद लगाये हैं. जैन धर्म के गानों को जन जन के मुहं पर लाने में इनका बहुत बड़ा योगदान है. इनके गाने YouTube पर लाखों लोगों द्वारा देखे जाते हैं.
12 साल पहले भगवान् महावीर जन्म जयंती पर सकल जैन समाज द्वारा आयोजित Singing competition से अपने संगीत का सफ़र शुरू करने वाली Nahar Sisters ने धार्मिक गीतों और भजनों को प्रस्तुति देने में ज्यादा पहचान कायम की है. पर इस पहचान के पीछे लम्बा संघर्ष है. उस संघर्ष के बाद आज अनेक जोड़ियाँ दोनों बहिनों को देख कर मंच पर आने लगी है. यह देख नाहर सिस्टर्स संघर्षो के दुःख को भूल जाती हैं. एक अलग ही ख़ुशी और गर्व की अनुभूति करती है.

हमारी है संघर्षों की कहानी 

चुनोती नाहर बताती है- “हमको संगीत में इस मुकाम तक पहुँचने में बहुत कठिनाइयों से गुजरना पड़ा. लोग हमारे पापा को बोलते बेटियों को गाने के लिए क्यों भेजते हो, बाद में शादी करने में प्रोब्लम होगी. कोई रिश्ता नही मिलेगा. कुछ लोग तो हमारे दोनों के निकलने वाले एकल स्वर पर प्रश्न चिन्ह लगाते. बोलते की दोनों की एक आवाज़ आना कभी संभव ही नहीं है. यह एक जन का माइक बंद रखते हैं. इस तरह हमारे सन्दर्भ में अनेकों भ्रांतियां फैलाई जाती.”
आकांक्षा नाहर ने बताया – “हमारे मम्मी पापा का बहुत सहयोग रहा. उन्होंने लोगों की नहीं सुनी. हम दोनों बहिनों को गायन में प्रोत्साहित करते रहे. हमारी मम्मी प्रत्येक कार्यक्रम में उपस्थित रह कर हमारा हौंसला बढाती है. हमें अफ़सोस है कि भारतीय समाज में लडकियों को आज भी लड़कों की तुलना में कम सपोर्ट मिलता है. उनको घर की चार दिवारी में कैद रहने के लिए दवाब दिया जाता है.
Nahar Sisters program
भारत के सभी महानगरों में प्रोग्राम दे चुकी Nahar Sisters ने शुरुवाती दिनों की चर्चा करते हुए बताया – “हम प्रारंभ में अनेकों प्रतियोगिताओं में भाग लेते. उनमे प्रथम स्थान प्राप्त करते. इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा. इन प्रतियोगिताओं से कार्यक्रम करने के ऑफर मिले. 12 वर्षों में हम देश के सभी महानगरों में कार्यक्रम दे चुके हैं. अनेकों शहरों में भक्ति समां बांध चुके हैं.”

नाकोड़ा भेरुंजी की भक्त है Nahar Sisters

मूल रूप से छोटे से कस्बे पुर के निवासी सुरेन्द्र कुमार नाहर की ये दोनों सुपुत्रियाँ बाड़मेर जिले के नाकोड़ा स्थित पार्श्व भैरुव की भक्ताएँ हैं. नाकोड़ा भेरुंजी के लिए गाए गये सभी भजन बहुत लोकप्रिय है. बच्चे बच्चे के मुहं से उन भजनों के बोल सुने जा सकते हैं. भजनों पर लोग इतने भक्ति से भर जाते हैं कि अपने पैरों को थिरकने से रोक नहीं पाते हैं.

माता कल्पना नाहर की लाडली बेटियां Nahar Sisters का कहना है- ” जैन गुरु गणेश के नाम से यू ट्यूब चैनल पर रिलीज होने वाले नाकोड़ा के भजनों से हमको व्यापकता प्राप्त हुई. हम कहीं भी जाते हैं तो बड़ी संख्या में फैन्स मिलते हैं. बच्चो के अभिभावकों से जब यह सुनने को मिलता कि आपके भजन सुन हमारे बच्चे रोते हुए शांत हो जाते हैं, उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहता. गर्व से सीना फूल जाता है.”

पीढ़ियों के सपने पूरे होने की बात करते हुए नाहर सिस्टर्स ने बताया – “मेरे दादा जी स्व. हरक लाल जी नाहर को गाने का बहुत शौक था. मेरी दादीजी स्व. श्रीमति मांग बाई नाहर को भी भजन गाने का शौक था. मेरे पिताजी को भी गाने का बहुत शौक है. परन्तु यह सब आगे नहीं बढ़ पाए. उनका सपना मेरे माता-पिता ने हम बेटियों को आगे बढ़ा कर पूरा किया.”

साधू- संतों का मिला है आशीर्वाद 

धार्मिक भजनों को एक स्वर में प्रस्तुत कर वाह- वाही लूँटने वाली नाहर सिस्टर्स को साधू संतों का खूब आशीर्वाद मिला है. दोनों सिस्टर्स का मानना है- “माता- पिता दोनों का सपोर्ट मिला उसके कारण हम इस मुकाम पर पहुंचे यह जितना सच है उतना ही सच है हमारे विकास में साधू- साध्वियों के आशीर्वाद का बहुत बड़ा योगदान है.

आचार्य महाश्रमण जी से आशीर्वाद लेते हुए Nahar Sisters
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के 11 वें गुरु आचार्य महाश्रमण जी से आशीर्वाद लेते हुए Nahar Sisters

इन जगहों पर किये हैं कार्यक्रम

आचार्य भिक्षु समाधी स्थल सिरियारी में अखिल भारतीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले भिक्षु धम्म जागरण में नाहर सिस्टर्स भिक्षु अष्ठकम से मंगलाचरण करती है. उसके बाद जैन तेरापंथ के टॉप सिंगर्स के साथ प्रस्तुति देती हैं. यह जागरण तेरापंथ धर्मसंघ का प्रतिभाशाली और ख्याति प्राप्त गायकों का सशक्त मंच है. इसी मंच पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् ने दोनों बहिनों का नाम नाहर सिस्टर्स  के रूप में प्रचलित किया.

इसके अतिरिक्त नाहर बहिनों का अनेकों शहरों में कार्यक्रम होते हैं. उनके नाम इस प्रकार है-

दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, बारडोली, सूरत, उधना, खेडा, अहमदाबाद, जयपुर, जोधपुर, कोटा, चितोड़, अजमेर, टाटगढ़, नीमच, ब्यावर, गंगापुर, भीम, आसिन्द, अकोला, केलवा, नाथद्वारा, कांकरोली, आमेट, बीकानेर, गंगाशहर, श्रीडूंगरगढ़, सालासर, छापर, लाडनूं, बड़ी सादड़ी, पालिताना, नाकोड़ा जी, पिपलिया मंडी, पिल्लू, बालोतरा आदि.

हर जगह मिलता है सम्मान

गायन के कार्यक्रम में दोनों बहिने जहाँ भी जाती है वहाँ लोगों द्वारा सर आँखों पर बिठाया जाता है और आयोजकों द्वारा सम्मानित किया जाता है. नाहर सिस्टर्स बताती है – ” हमारे पास इतने मोमेंटो और ट्राफी हो गए हैं की सबको हमारे शो रूम में स्थान देना भी संभव नहीं लग रहा. यह लोगों का प्यार है. श्रोताओं का प्यार हमारे पर बरसता रहे यही भगवान से कामना है.”

CREATORS MANCH के पाठको को कुछ फोटोज प्रस्तुत रहे हैं, जिससे इनकी प्रतिभा और ज्यादा अच्छे से समझ सकेंगे –

नाहर सिस्टर्स के कार्यक्रम रहते हैं मीडिया की सुर्ख़ियों में 

दोनों बहिनों की जोड़ी जहाँ भी प्रोग्राम करने जाती है वहाँ केवल लोगों की नज़रों में ही नहीं बल्कि मीडिया की सुर्ख़ियों में भी रहती. उनके द्वारा दी गई भावपूर्ण प्रस्तुति मीडिया वालों को भी भक्ति में बहा देती है. कुछ अखबारों की क्लिप आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. इनको देख आप खुद अंदाजा लगा सकेंगे.

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