Bhagyashree Dugar : मेहनत से कमाया नाम
राजस्थान के छोटे से कस्बे चाडवास की Bhagyashree Dugar का नाम संगीत के क्षेत्र में लोकडाउन के दौरान विशेष तौर पर उभरकर सामने आया है. श्रीमान मंगल जी दुगड़ की सुपुत्री भाग्यश्री को बचपन से ही गायन का बहुत शौक था. अपनी माता जी श्रीमती पुष्पा देवी दुगड़ की निरंतर प्रेरणा से वो इस क्षेत्र में आगे बढती रही. वे वर्तमान में एक शिक्षिका के तौर पर समाज और देश के भविष्य को संवारने में खुद को नियोजित किये हुए है.
सरकारी शिक्षिका बनने की तैयारी कर रही Bhagyashree Dugar का कहना है- ” मैं 7 वर्षों से एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रही हूं. इस स्कूल में ही मेरे मंच पर बोलने और गाने की शुरुआत हुई. यहाँ पर मंच से मुझे बहुत बार एंकरिंग करने का मौका मिला. प्रत्येक कार्यक्रम के बाद मेरा सम्मान भी हुआ. इसी कारण मेरा होसला खुला. उसका ही नतीजा है की आज मैं इतना कुछ बोल पा रही हूं.”
एम.ए. और बी.एड की शिक्षा प्राप्त कर चुकी भाग्यश्री का मानना है- ” प्रत्येक इंसान के जीवन में हर दिन ऐसा कुछ ना कुछ आता है जिससे नया सिखने को मिलता है. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. मैंने हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखने का प्रयास किया है. स्कूल से भी मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है. शिक्षक केवल शिक्षक ही नहीं होता है बल्की उसे विद्यार्थी बनकर भी रहना होता है.
मम्मी – पापा के कारण पाया यह मुकाम – Bhagyashree Dugar
29 वर्षीय भाग्यश्री दुगड़ ने अपनी इच्छा अनुसार करियर बनाने और संगीत में इस मुकाम को हांसिल करने में अपने माता-पिता के सहयोग को महत्वपूर्ण माना. उसका कहना है- ” मेरे मम्मी – पापा ने हमेशा उत्साह बढाया. जब भी मैं स्कूल पढ़ाने जाती या मंच से प्रस्तुति देती तो मेरा हौंसला बढ़ाते. हर कदम पर, हर निर्णय पर उनका जो सहयोग मिला उसको कभी भुला नही सकती.
भाग्यश्री दुगड़ को मम्मी पापा का जो सपोर्ट मिला था उसी का परिणाम है कि करोना काल में उसने अनेकानेक Facebook पेजों पर लाइव भक्ति करवाई. उसके द्वारा किये लाइव कार्यक्रम के पेजेज की लिस्ट यहाँ प्रस्तुत है-
- भौमिया बाबा की भक्ति [ चार बार]
- क्रिएटर्स मंच
- तथास्तु टीवी
- नकोड़ा भैरव नाथ दादा मुंबई, सूरत, पुणे
- कुशल गिरी ग्रुप में की है, और
- तेरापंथ दर्शन न्यूज
- जय जय जिनशासन
भाग्यश्री को प्राप्त सर्टिफिकेट पर एक नज़र
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