Amita Sancheti : Speaking Power से कर रही है प्रभावित
राजस्थान के नोखा की निवासी अमीता संचेती [ Amita Sancheti ] को एक कुशल वक्ता, कवित्री के रूप में जाना जाता है। करनी माता मंदिर के कारण चर्चित शहर देशनोक के भूरा परिवार में जन्मी मिसेज संचेती स्कूल के समय से ही प्रतिभाशाली छात्राओं में प्रथम स्थान पर रहती थी। अमिता संचेती ने 12th कक्षा में सम्पूर्ण देशनोक में प्रथम स्थान प्राप्त किया. स्कूल शिक्षा के दौरान सांस्कृतिक मंत्री के पद पर रहकर ‘सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफल संचालन किया और बी ए की डिग्री सफलता से प्राप्त की।
Amita Sancheti का कहना है – ” हर व्यक्ति अपनी जिन्दगी में कुछ न कुछ लक्ष्य को लेकर चलता है और उसे प्राप्त करने में सतत् पुरूषार्थ करता रहता है। बचपन से मेरा भी एक सपना रहा कि मैं एक अच्छी श्रोता, वक्ता और लेखिका बनूँ । कहते है- सपने के साथ अगर जुनुन हो तो उसे पूरा होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता।”
यह जूनून ही था जिसकी वजह से स्कूल की शिक्षा संपन करने के बाद भी स्कूल के अनेकों कार्यक्रमों में बतौर वक्ता और मुख्य अतिथि के रूप में आमन्त्रित किया जाता रहा है। समाज में भी विशेष पहचान रखती है. मन्त्री पद पर रहकर अनेक सामाजिक गतिविधियों का बखूबी निर्वहन किया है। अमिता संचेती इस सफलता के पीछे अपने पिताजी को श्रेय देती है. उनका कहना है – “मेरे पिता जी मेरे आदर्श है. उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।”
TATHASTU TV की धार्मिक प्रस्तोता है Amita Sancheti
अमिता संचेती तथास्तु टी वी की धार्मिक कार्यक्रमों की विशेष प्रस्तोता है. इस टी वी चैनल के Facebook Page पर पोस्ट होकर धर्म के क्षेत्र से जुड़े अनेक विडियो लोगो तक पहुँच चुके हैं. Tathastu TV की वेबसाइट पर अनेक कविताओं की पोस्ट भी पाठको को पढने के लिए मिल रही है. Amita Sancheti का मानना है – ” मुझे खुशी होती है जब कोई मेरी वजह से खुश होता है। लोग मेरी कविताओं और वक्तव्यों से अपने अवसाद को दूर कर प्रशन्नता का अनुभव करते हैं, यही मेरी सफलता है.”
अमिता संचेती के विचार
Lockdown के दौरान मैनें लिखने का कार्य प्रारंभ किया। जिसका मुझे Facebook पर अच्छा रेस्पोन्स मिला. जिसमें हास्य व्यंग्य, नारी शक्ति और धार्मिक आदि अनेकों विषयों पर कविताएं शामिल है। तथास्तु टी वी चैनल के माध्यम से भी मेरी कविताओं और वक्तव्यों को जन – जन तक पहुँचाया गया। जिसकी मैं अभारी हूँ। मेरा हमेशा प्रयास रहेगा कि मैं बेहतर लेखिका और बेहतरीन वक्ता बनकर आम जनता तक अपनी बात पहुँचा सकू।
परिन्दों ने उड़ान भरी है, पंखों का इम्तहान बाकी है | जीती है चंद बाजीयां, अभी सारा आसमा बाकी है।।
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